लाचार को दान-
ट्रेन में सफर के दौरान ट्रेन एक जगह जंगल में रुकी। थोड़ी देर में एक भिखारी डिब्बे में चढ़ा। उसके एक हाथ का पंजा कटा हुआ था। उसका शारीरिक सौष्ठव देखकर लगा कि आंशिक विकलांग होने के बावजूद वह ज्यादातर सामान्य कार्य कर सकता है।
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इसके बावजूद वह खुद को लाचार बता बड़े विद्वतापूर्ण शब्दों में दान देने हेतु आग्रह कर रहा था।
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तभी एक बुजुर्ग यात्री बोला-
इतने लाचार हो तो बिना प्लेटफॉर्म ट्रेन में कैसे चढ़े?