कालजयी जोक
एक बार एक मुकदमे में ताई गवाह बना दी गई।
ताई को कोर्ट में बुलाया गया।
दोनो वकील और जज भी ताई के गाँव के ही थे !
पहला वकील बोला= " ताई तू मन्ने जाणे सै ? (क्या तू मुझे जानती है?)
ताई बोली= हाँ भाई तू रामफूल
...
का छोरा है ना,
तेरा बापु घणा सूधा ( सीधा) आदमी था ।
पर तू निकम्मा एक नम्बर का झूठा।
झूठ, बोल बोल कर के तूं लोगां ने ठगै सै।
" झूठे गवाह " बना कर के तू केस जीते सै।
तेरे से तो सारे लोग परेशान है,
तेरी लुगाई भी परेशान हो कर के तन्ने छोड़ गै भाज गई।
वकील बेचारा चुप हो कर इधर उधर देखने लगा ।
उसने सोचा मेरी तो घणी बेइज्जती हो गई अब दूसरे वकील की भी होनी चाहिए। अतः उस वकील ने दूसरे वकील की तरफ इशारा कर के पूछा="ताई"तू इसने जाणे सै के?
ताई बोली=" हाँ "
यो फुले काणे का छोरा सै ।
इसके बापू ने निरे रूपिये खर्च करके इसे पढ़ाया पर इसने 'आंक ' नही सीखा ।
सारी उमर छोरियां के पीछै हांडे गया ।
इसका चक्कर तेरी बहू से भी था !
(कोर्ट में बैठी जनता हांसण लाग गी )
जज बोला :- "आर्डर आर्डर"।
और दोनो वकीलों को अपने चेम्बर में बुलाया।
जज बोला=अगर तुम दोनो वकीलों में से किसी ने भी इस ताई से यो पूछा के, " इस जज न जाणे से "
तो मैं उसको फांसी दे दूँगा.