बैंको मे जाकर भीड़ लगाना जरुरी नहीं सिर्फ अपने मोबाइल से एक मिस्डकॉल करें और बैलेंस चेक करें लॉकडाउन के बाद विभिन्न योजनाओं के तहत मजदूरों, किसानों, महिला जनधन खाताधारकों में डीबीटी के माध्यम से पैसा भेजा जा रहा है। हैरानी की बात है
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कि लोग इस धनराशि की जानकारी के लिए बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से खाताधारक अपने बैलेंस की जानकारी कर सकते हैं...
बैंक का नाम बैलेंस जानने के लिए जारी किए नंबर..........
केनरा बैंक 09015483483 , 09015734734 भारतीय स्टेट बैंक 09223766666 , 1800112211 पंजाब नेशनल बैंक 18001802222 , 18001802223 , 01202303090 बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र 9222281818 एक्सिस बैक 18004195959 पंजाब एंड सिंध बैंक 7039035156 यूको बैंक 9278792787 देना बैंक 09278656677 , 09289356677 बैंक ऑफ़ इंडिया 9015135135 आईसीआईसीआई 9594612612 इंडियन बैंक 9289592895 ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स 08067205757 एचडीएफसी 18002703333 , 18002703355 कारपोरेशन बैंक 9268892688 आईडीबीआई 18008431122 यस बैंक 9223920000 यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 09223008586 यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया 09015431345 बैंक ऑफ बड़ौदा 8468001111 इलाहाबाद बैंक 9224150150
संविधान सभा में बाबा साहेब के अंतिम वक्तव्य (25 नवंबर 1949) का एक अंश। । (जो लोग मन लगाकर इस वक्तव्य को पढ़ लेंगे और इसका मतलब समझ लेंगे उनको तरक्की करने से नहीं रोका जा सकेगा।)
हमें सिर्फ राजनीतिक लोकतंत्र से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। हमें अपने
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राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र भी बनाना चाहिए। राजनीतिक लोकतंत्र तब तक स्थायी नहीं हो सकता, जब तक इसकी बुनियाद में सामाजिक लोकतंत्र न हो। सामाजिक लोकतंत्र का अर्थ क्या है? इसका अर्थ है एक ऐसी जीवन शैली, जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को जीवन का मूल सिद्धांत मानती हो। इसकी शुरुआत इस तथ्य को मान्यता देकर ही की जा सकती है कि भारतीय समाज में दो चीजें सिरे से अनुपस्थित हैं। इनमें एक है समानता। सामाजिक धरातल पर, भारत में एक ऐसा समाज है जो श्रेणीबद्ध असमानता पर आधारित है। और आर्थिक धरातल पर हमारे समाज की हकीकत यह है कि इसमें एक तरफ कुछ लोगों के पास अकूत संपदा है, दूसरी तरफ बहुतेरे लोग निपट भुखमरी में जी रहे हैं। अंतर्विरोधों भरा जीवन 26 जनवरी 1950 को हम एक अंतर्विरोध पूर्ण जीवन में प्रवेश करने जा रहे हैं। राजनीति में हमारे पास समानता होगी, जबकि सामाजिक और आर्थिक जीवन में हम असमानता से ग्रस्त होंगे। राजनीति में हम ‘एक मनुष्य, एक वोट’ और ‘एक वोट, एक मूल्य’ वाले सिद्धांत को मान्यता दे चुके होंगे। सामाजिक और आर्थिक जीवन में तथा अपने सामाजिक-आर्थिक ढांचे का अनुसरण करते हुए हम ‘एक मनुष्य, एक मूल्य’ वाले सिद्धांत का निषेध कर रहे होंगे। ऐसा अंतर्विरोधों भरा जीवन हम कब तक जीते रहेंगे? सामाजिक-आर्थिक जीवन में समानता का निषेध कब तक करते रहेंगे? अगर हम ज्यादा दिनों तक इसे नकारते रहे तो इसका कुल नतीजा यह होगा कि हमारा राजनीतिक जनतंत्र ही संकट में पड़ जाएगा। इस अंतर्विरोध को हम जितनी जल्दी खत्म कर सकें उतना अच्छा, वर्ना असमानता के शिकार लोग राजनीतिक लोकतंत्र के ढांचे को उड़ा देंगे, जिसे इस सभा ने इतनी मुश्किल से खड़ा किया है। जिस दूसरी चीज का हमारे यहां सर्वथा अभाव है, वह है भ्रातृत्व के सिद्धांत की मान्यता। भ्रातृत्व का अर्थ क्या है? इसका अर्थ है सभी भारतीयों के बीच भाईचारे की भावना- बशर्ते भारतीयों को हम एक जनसमुदाय मानते हों। यह ऐसा सिद्धांत है जो सामाजिक जीवन को एकता और एकजुटता प्रदान करता है, लेकिन इसे हासिल करना कठिन है। कितना कठिन है, इसका अंदाजा यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के संदर्भ में जेम्स ब्राइस द्वारा लिखे गए ग्रंथ अमेरिकन कॉमनवेल्थ को पढ़कर लगाया जा सकता है। ब्राइस के ही शब्दों में- ‘कुछ साल पहले अमेरिकन प्रोटेस्टेंट एपीस्कोपल चर्च के त्रिवार्षिक सम्मेलन में पूजा पद्धति के बदलाव को लेकर चर्चा चल रही थी। इस दौरान यह जरूरी पाया गया कि छोटे वाक्यों वाली प्रार्थनाओं में ऐसी एक प्रार्थना भी शामिल की जानी चाहिए, जो समूची जनता के लिए हो। न्यू इंग्लैंड के एक प्रतिष्ठित धर्माचार्य ने इसके लिए इन शब्दों का प्रस्ताव रखा- ‘ओ लॉर्ड, ब्लेस अवर नेशन’ (हे प्रभु, हमारे राष्ट्र पर कृपा करो)। उस शाम तो झटके में इसे स्वीकार कर लिया गया, लेकिन अगले दिन जब इसको पुनर्विचार के लिए लाया गया तो गृहस्थ ईसाइयों ने ‘राष्ट्र’ शब्द पर कई तरह की आपत्तियां उठा दीं। उनका कहना था कि इस शब्द के जरिए राष्ट्रीय एकता को कुछ ज्यादा ही ठोस रूप दे दिया गया है। नतीजा यह हुआ कि प्रार्थना से इस शब्द को हटा दिया गया। पुराने वाक्य की जगह जो नया वाक्य आया, वह था- ‘हे प्रभु, इन संयुक्त राज्यों पर कृपा करो।’ जब यह घटना घटित हुई, उस समय तक संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों में एकजुटता का तत्व इतना कम था कि वे स्वयं को एक राष्ट्र नहीं महसूस कर पाते थे। अगर संयुक्त राज्य अमेरिका के लोग खुद को एक राष्ट्र नहीं मान पाते थे तो भारतीयों के लिए ऐसा मान पाना कितना मुश्किल होगा, यह बात आसानी से समझी जा सकती है। मुझे वे दिन याद हैं जब राजनीतिक मिजाज वाले भारतीय भी ‘हम भारत के लोग’ जैसी अभिव्यक्ति पर नाराजगी जताते थे। इसकी जगह ‘भारतीय राष्ट्र’ उन्हें कहीं बेहतर जान पड़ता था। मेरी राय है कि स्वयं को एक राष्ट्र मान कर हम बहुत बड़ी गलतफहमी पाल रहे हैं। कई हजार जातियों में बंटे हुए लोग भला एक राष्ट्र कैसे हो सकते हैं? बंधुत्व ही आधार जितनी जल्दी हम यह मान लें कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक अर्थों में हम अभी तक एक राष्ट्र नहीं बन पाए हैं, हमारे लिए उतना ही अच्छा होगा। क्योंकि इस सचाई को स्वीकार कर लेने के बाद हमें एक राष्ट्र बनने की जरूरत महसूस होगी और उसके बाद ही हम इस लक्ष्य को हासिल करने के रास्तों और तौर-तरीकों पर विचार कर पाएंगे।
इस लक्ष्य को हासिल करना बहुत मुश्किल साबित होने वाला है- अमेरिका में यह जितना मुश्किल साबित हुआ, उससे कहीं ज्यादा। अमेरिका में जाति कोई समस्या नहीं है। भारत में जातियां हैं और जातियां राष्ट्रविरोधी हैं। सबसे पहले तो इसलिए क्योंकि ये सामाजिक जीवन में अलगाव लाती हैं। वे इसलिए भी राष्ट्रविरोधी हैं क्योंकि वे विभिन्न जातियों के बीच ईर्ष्या और द्वेष की भावना पैदा करती हैं। लेकिन अगर हम वास्तव में एक राष्ट्र बनना चाहते हैं तो हमें हर हाल में इन कठिनाइयों पर विजय पानी होगी। वह इसलिए, क्योंकि बंधुत्व तभी संभव है जब हम एक राष्ट्र हों, और बंधुत्व न हो तो समानता और स्वतंत्रता की औकात मुलम्मे से ज्यादा नहीं होगी।
➖1. सबसे पहले Google Play Store से BHIM App Download करें। ➖2. उसके बाद अपने Bank Account को इस App में Register करें। ➖ 3. Register करने के साथ अपने लिए एक UPI Pin Set Up करें। ➖ 4. User का Mobile Number ही उसके Payment का Address
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होगा। ➖ 5. एक बार आपका Registration पूरा होने के बाद आप अपने Transaction BHIM App में शुरू कर सकते हैं।
✔ *BHIM App द्वारा पूरी जानकारी दी जाती है यथा भीम एप्प से पैसे कैसे भेज सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं ??*
➖ 1. BHIM App पर अपने आप अपने दोस्तों, दूर बैठे परिवार के लोगों और उपभोगताओं को भी पैसे भेज सकते हैं। ➖ 2.भीम एप्प पर सभी Transaction Registered मोबाइल नंबर यानि की Payment Address पर भेजा जा सकता है। ➖ 3.आप बिना UPI सुविधा वाले बैंकों में भी पैसे Transfer कर सकते हैं। उसके लिए आप MMID और IFSC सुविधा की मदद ले सकते हैं। ➖ 4.आप किसी अन्य Registered Mobile Number या User से Money Receive करने के लिए Request भी भेज सकते हैं।
✔ *BHIM App में Bank Account के लिए UPI Pin कैसे Set करें?*
➖ 1. सबसे पहले BHIM App के Main Menu में जाएँ। ➖ 2. उसके बाद Bank Accounts को Select करें। ➖ 3. उसके बाद Set UPI Pin, Option को चुनें। ➖ 4. उसके बाद आपको अपने ATM/Debit Card का 6 Digit वाला Number डालना होगा अपने Card के Expiry Date के साथ। उसके बाद आपके पास एक OTP प्राप्त होगा। ➖ 5. उसको App में Dial करने के बाद आप अपना UPI Pin बना सकते हैं।
✔ *कौन से बैंक भीम एप्प में सपोर्ट करते हैं?*
इलाहाबाद बैंक.. आंध्रा बैंक.. एक्सिस बैंक.. बैंक ऑफ बड़ौदा.. बैंक ऑफ इंडिया.. बैंक ऑफ महाराष्ट्र.. केनरा बैंक.. कैथोलिक सीरियन बैंक.. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया.. डीसीबी बैंक.. देना बैंक.. फेडरल बैंक.. एचडीएफसी बैंक.. आईसीआईसीआई बैंक.. आईडीबीआई बैंक.. आईडीएफसी बैंक.. इंडियन बैंक.. इंडियन ओवरसीज बैंक.. इंडसइंड बैंक.. कर्नाटक बैंक.. करूर वैश्य बैंक.. कोटक महिंद्रा बैंक.. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स.. पंजाब नेशनल बैंक.. आरबीएल बैंक.. साउथ इंडियन बैंक.. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक.. भारतीय स्टेट बैंक.. सिंडिकेट बैंक.. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया.. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया.. विजया बैंक।
*BHIM App से अन्य जानकारियाँ*.
➖BHIM App के इस्तेमाल करने वाले User अपना Balance भी Check कर सकते हैं और अपने Transaction से जुडी जानकारियाँ भी। ➖Users अपने Phone Number पर आम तौर पर Custom Payment Address भी बना सकते हैं। ➖जल्द से जल्द Transaction को पूरा करने के लिए आप QR Code Scan करने से भी कर सकते हैं। ➖सबसे ज़बरदस्त बात है BHIM App English (अंग्रेजी) और Hindi (हिंदी) दोनों भाषाओं में आप इस्तेमाल कर सकते हैं।