पेप्टिक अल्सर
यह एक गंभीर बीमारी होती है. इस रोग में पेट और आँतों में छाले या अल्सर हो जाते हैं और उनमे जख्म हो जाता है. बड़ी आंत की अंदरूनी परत में सूजन भी हो जाती है और पेट दर्द के साथ उल्टी भी होने लगती
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है और किसी किसी को मल में आंव भी निकलने लगते हैं.
यह रोग अधिक मिर्च-मसाले खाने और अधिक चिंता करने से होता है.
अतः आप इस रोग का उपचार निम्न तरह से करें –
1. सबसे पहले आप सल्फर 200 को सुबह 7 बजे, दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को आठ बजे नक्स वोम 200 की पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले.
2. HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 6 की दो गोली दिन में चार बार ले.
3. आप केल्केरिया फास 6X, केल्केरिया सल्फ़ 6X, काली फास 12X, नेट्रम फास 6X, नेट्रम सल्फ़ 6X, साइलिसिया 12X; इन सभी की एक-एक गोली मिलकर पुडिया बना ले और उसे दिन में चार बार चूसते रहे.
4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें.
6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें.
7. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग न करे.
8. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का पूर्ण रूप से त्याग करे।