भारत में 80% से भी ज्यादा लोग सांवले या काले होंगे। उनमें से ज्यादातर गरीब भी हैं। इसलिए उनके चेहरे से या कपड़ों से उतना सौंदर्य नहीं झलकता जितना कि गोरे और धनवान लोगों में झलकता है। । उक्त कारणों से भारत में गोरा होना एक बहुत
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बड़ी उपलब्धि जैसा प्रतीत होता है। । इसके विपरीत सत्यता यह है कि गोरापन एक अत्यंत उपयोगी यौगिक मेलानिन की कमी के कारण होता है। । मेलानिन काला होता है और इसका अधिकांश भाग चमड़ी में पाया जाता है। यह धूप सोखने में तथा धूप से होने वाले कैंसर को रोकने में मददगार होता है। इस तरह विटामिन डी की कमी दूर करने के लिए काले व्यक्ति को धूप में ज्यादा देर तक रहने की जरूरत नहीं पड़ती। । इस तरह हम देखते हैं कि यह विटामिन डी बनाने में जितना ज्यादा मददगार होता है उससे भी कई गुना ज्यादा यह कैंसर रोकने में मददगार होता है। । इसलिए सांवले या काले लोगों को अपने काले होने के कारण कोई हीन भावना पालने के बजाय उसका फायदा उठाना चाहिए और गोरे लोगों को अपना डीएनए श्रेष्ठ होने की गलतफहमी पालने से बचना चाहिए।
सुबह खाली पेट आंवला खाने से जड़ से खत्म हो जाएंगे ये 5 गंभीर रोग
दोस्तों आंवले का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि आंवले में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। जिससे अनेक शारीरिक शारीरिक रोग दूर होते है। आइए जानते हैं सुबह खाली पेट आंवला खाने के कुछ चमत्कारी फायदे। दोस्तों सुबह
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खाली पेट आंवला खाने से जड़ से खत्म हो जाएंगे ये 5 गंभीर रोग। पथरी की बिमारी रोज सुबह खाली पेट आंवला खाने से पथरी से होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता है। और धीरे-धीरे पथरी टुकड़ों में पेशाब नली से बाहर निकल जाती है। किडनी की बीमारी सुबह खाली पेट आंवला खाने से शरीर की इम्युनिटी बढती है। जिससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। और किडनी से संबंधित बीमारियां खत्म होती है। आंखों की बीमारी रोज सुबह खाली पेट आंवला खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मिलता है। जिससे आंखों की रोशनी तेज होती है। और आंखों की बीमारियां दूर होती है। पेट की बीमारी सुबह खाली पेट आंवला खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। और भोजन का पाचन अच्छे से होने से पेट की बीमारियां जैसे गैस, एसिडिटी, कब्ज से छुटकारा मिलता है। और पाचन शक्ति मजबूत होती है। मोटापे की बीमारी नियमित रूप से सुबह खाली पेट आंवले का सेवन करने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है। और मोटापे से छुटकारा मिलता है।
आपने विटामिन-ई के बारे में कई बार सुना होगा और पढ़ा भी होगा। कई फलों, तेलों और ड्राय फ्रूट्स में विटामिन-ई पाया जाता है, और यह सेहत के साथ-साथ सौंदर्य के लिए भी बेहद लाभदायक होता
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है। खासतौर पर सोयाबीन, जैतून, तिल के तेल, सूरजमुखी, पालक, ऐलोवेरा, शतावरी, ऐवोकेडो के अलावा कई चीजों में विटामिन-ई की मात्रा मौजूद होती है। जानिए विटामिन ई के ऐसे ही 10 लाभ -
1.बेहतरीन क्लिंजर -विटामिन-ई का उपयोग कई तरह के सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। इसका अहम कारण है, कि यह एक बेहतरीन क्लिंजर है, जो त्वचा की सभी परतों पर जमी गंदगी और मृत कोशिकाओं की सफाई करने में सहायक है।
2.आरबीसी निर्माण - शरीर में रेड ब्लड सेल्स यानि लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने में विटामिन-ई सहायक है। प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन- ई का सेवन बच्चे को एनीमिया यानि खून की कमी से बचाता है।
3.मानसिक रोग - एक शोध के अनुसार विटामिन-ई की कमी से मानसिक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। शरीर में विटामिन-ई की पर्याप्त मात्रा मानसिक तनाव और अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करती है।
4.एंटी एजिंग - विटामिन-ई में भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो त्वचा पर बढ़ती उम्र के असर को कम करते हैं। इसके अलावा यह झुर्रियों को भी कम करने और रोकने में बेहद प्रभावकारी है।
5.हृदय रोग - शोध के अनुसार जिन लोगों के शरीर में विटामिन ई की मात्रा अधिक होती है, उन्हें दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। यह मेनोपॉज के बाद महिलाओं में होन वाले हार्ट स्ट्रोक की संभावना को भी कम करता है।
6.प्राकृतिक नमी - त्वचा को प्राकृतिक नमी प्रदान करने के लिए विटामिन-ई बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा यह त्वचा में कोशिकाओं के नवनिर्माण में भी सहायक है।
7.यूवी किरणों से बचाव -सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने में विटामिन-ई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सनबर्न की समस्या या फोटोसेंसेटिव होने जैसी समस्याओं से विटामिन-ई रक्षा करता है।
8.विटामिन-ई का प्रयोग करने पर अल्जाइमर जैसी समस्याओं का खतरा कम होता है, इसके अलावा यह कैंसर से लड़ने में भी आपकी मदद करता है। एक शोध के अनुसार जिन लोगों को कैंसर होता है, उनके शरीर में विटामिन-ई की मात्रा कम होती है।
9.विटामिन ई की पर्याप्त मात्रा डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करती है। यह ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम, इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ एलर्जी से बचाव में भी उपयोगी होता है।
10.यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करता है और शरीर में वसीय अम्लों के संतुलन को बनाए रखने में सहायता करता है। इसके साथ ही यह थायराइड और पिट्यूटरी ग्रंथि के कार्य में होने वाले अवरोध को रोकता है।
*कोरोना संक्रमण की इस विकट घड़ी में कृपया ध्यान दें*
1 देर तक खाली पेट न रहें। 2 उपवास न करें। 3 रोज एक घंटे सुबह की धूप लें। 4 ठंडी चीजों का प्रयोग न करें। 5 अगर जुकाम/खांसी के लक्षण हों तो गरम पानी पिएं, गले को गीला रखें। 6
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सरसों का तेल नाक में लगाएं। 7 घर में कपूर, लौंग व गुग्गुल जला कर सुगंध करें। 8.आधा चम्मच सोंठ या कच्चा अदरक दाल/सब्जी में पकाते समय डालें। 9. रात को दही या मूली जैसी चीज ना खायें। 10. रात में एक कप दूध में आधा चम्मच हल्दी डाल कर पिएं । 11. हो सके तो सुबह एक चम्मच चवनप्राश खाएं। 12 चाय में एक लौंग, तुलसी पत्र, दालचीनी कालीमिर्च आदि डाल कर पिएं। 13 विटामिन सी युक्त फल यथा संतरा, मोसम्मी, निम्बू आदि ज्यादा खाएं। 14 आंवला किसी भी रूप में जैसे अचार , मुरब्बा,चूर्ण जूस इत्यादि प्रयोग करें। 15 यथासंभव घर से बाहर न निकलें। 16 अफवाहों पर ध्यान न दें। 17 दूसरों से शारीरिक फासला बनाकर रखें। मित्रों व आत्मीयजनों से फ़ोन पर संपर्क में रहें। 18 धैर्य, संकल्प, साहस व आत्म बल बनाकर रखें। 19 परिवार के साथ सहयोग व आनंद पूर्वक रहते हुए अपनी रुचिकर क्रियाकलापों जैसे संगीत सुनना, बागवानी करना, भजन कीर्तन, व्यायाम, योग, विपश्यना ध्यान, आत्मचिंतन, पठन पाठन आदि में समय बिताइए। 20 सरकारी निर्देशों का पालन कीजिए। यदि आप Corona को हराना चाहते हैं तो कृपया ये सब अपनाइए।
तरंग चलती हैं, तो वे अपने साथ ले जाती हैं Ans : - -ऊर्जा 2.: - सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का कौन-सा भाग दिखाई देता है? Ans : - किरीट 3.: - कपड़ों से जंग के धब्बे हटाने के लिये प्रयोग किया
Ans : - -ऑक्ज़ैलिक अम्ल 4.: - गन्ने में ‘लाल सड़न रोग’ किसके कारण उत्पन्न होता है? Ans : - कवकों द्वारा 5.: - टेलीविजन का आविष्कार किसने किया था? Ans : - जे. एल. बेयर्ड 6.: - किस प्रकार के ऊतक शरीर के सुरक्षा कवच का कार्य करते हैं? Ans : - एपिथीलियम ऊतक 7.: - मनुष्य ने सर्वप्रथम किस जन्तु को अपना पालतू बनाया? Ans : - कुत्ता 8.: - किस वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम बर्फ़ के दो टुकड़ों को आपस में घिसकर पिघला दिया? Ans : - डेवी 9: - हीरा चमकदार क्यों दिखाई देता है? Ans : - सामूहिक आंतरिक परावर्तन के कारण 10.: - ‘गोबर गैस’ में मुख्य रूप से क्या पाया जाता है। Ans : - मिथेन 11.: - निम्न में से कौन-सा आहार मानव शरीर में नये ऊतकों की वृद्धि के लिए पोषक तत्व प्रदान करता है? Ans : - पनीर 12.: - निम्न में से कौन एक उड़ने वाली छिपकली है? Ans : - ड्रेको 13.: - अंगूर में कौन-सा अम्ल पाया जाता है? Ans : - टार्टरिक अम्ल 14.: - कैंसर सम्बन्धी रोगों का अध्ययन कहलाता है Ans : - oncology 15.: - घोंसला बनाने वाला एकमात्र साँप कौन-सा है? Ans : - किंग कोबरा 16.: - भारत में पायी जाने वाली सबसे बड़ी मछली कौन-सी है? Ans : - ह्वेल शार्क 17.: - दालें किसका एक अच्छा स्रोत होती हैं? Ans : - प्रोटीन 18.: - देशी घी में से सुगन्ध क्यों आती है? Ans : - डाइएसिटिल के कारण 19.: - इन्द्रधनुष में किस रंग का विक्षेपण अधिक होता है? Ans : - लाल रंग 20.: - सूर्य की किरण में कितने रंग होते हैं? Ans : - 7 21.: - ‘टाइपराइटर’ (टंकण मशीन) के आविष्कारक कौन हैं? Ans : - शोल्स 22.: - सिरका को लैटिन भाषा में क्या कहा जाता है। Ans : - ऐसीटम 23.: - दूध की शुद्धता का मापन किस यन्त्र से किया जाता है? Ans : - लैक्टोमीटर 24.: - पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला धातु तत्त्व कौन-सा है? Ans : - ऐलुमिनियम 25.: - मोती मुख्य रूप से किस पदार्थ का बना होता है? Ans : - कैल्सियम कार्बोनेट 26.: - मानव शरीर में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा तत्व पाया जाता है? Ans : - ऑक्सीजन 27.: - आम का वानस्पतिक नाम क्या है? Ans : - मेंगीफ़ेरा इण्डिका 28.: - कॉफी पाउडर के साथ मिलाया जाने वाला ‘चिकोरी चूर्ण’ प्राप्त होता है Ans : - -जड़ों से 29.: - ‘विटामिन-सी’ का सबसे अच्छा स्त्रोत क्या है? Ans : - आंवला 30.: - सबसे अधिक तीव्रता की ध्वनि कौन उत्पन्न करता है? Ans : - बाघ 31.: - मानव शरीर में सबसे लम्बी कोशिका कौन-सी होती है? Ans : - तंत्रिका कोशिका 32.: - दाँत मुख्य रूप से किस पदार्थ के बने होते हैं? Ans : - डेंटाइन के 33.: - किस जंतु की आकृति पैर की चप्पल के समान होती है? Ans : - पैरामीशियम 34.: - निम्न में से किस पदार्थ में प्रोटीन नहीं पाया जाता है? Ans : - चावल 35.: - मानव का मस्तिष्क लगभग कितने ग्राम का होता है? Ans : - 1350 36.: - रक्त में पायी जाने वाली धातु है Ans : - -लोहा 37.: - मांसपेशियों में किस अम्ल के एकत्रित होने से थकावट आती है? Ans : - लैक्टिक अम्ल 38.: - किण्वन का उदाहरण है Ans : - -दूध का खट्टा होना,खाने की ब्रेड का बनना,गीले आटे का खट्टा होना 39.: - केंचुए की कितनी आँखें होती हैं? Ans : - एक भी नहीं 40.: - गाजर किस विटामिन का समृद्ध स्रोत है? Ans : - विटामिन A
*भौतिक राशि Physical quantities अन्य भौतिक राशियों से संबंध*
1. क्षेत्रफल Area लंबाई × चौड़ाई
2. आयतन Volume लंबाई× चौड़ाई×ऊंचाई
3. द्रव्यमान घनत्व Density द्रव्यमान/आय 4. आवृत्ति Frequency 1/आवर्तकाल
5. वेग Velocity विस्थापन/समय
6. चाल Speed दूरी/समय
7. त्वरण Acceleration वेग/समय
8. बल Force द्रव्यमान × त्वरण
9. आवेग Impulse बल × समय
10. कार्य Work बल × दूरी
11. ऊर्जा Energy बल × दूरी
12. शक्ति Power कार्य/समय
13. संवेग Momentum द्रव्यमान × वेग
14. दाब Pressure बल/क्षेत्रफल
15. प्रतिबल Stress बल/क्षेत्रफल
16. विकृति Strain विमा में परिवर्तन/मूल विमा
17. प्रत्यास्थता गुणांक Coefficient of elasticity प्रतिबल/विकृति
18. पृष्ठ तनाव Surface tension बल/लंबाई
19. पृष्ठ ऊर्जा Surface energy ऊर्जा/क्षेत्रफल
20. वेग प्रवणता Velocity gradient वेग/दूरी
21. दाब प्रवणता Pressure gradient दाब/दूरी
22. श्यानता गुणांक Coefficient of viscosity बल/(क्षेत्रफल× वेग प्रवणता)
23. कोण Angel चाप/त्रिज्या
24. त्रिकोणमितीय अनुपात Trigonometric ratio लंबाई/लंबाई
37. गैस नियतांक Gas constant (दाब× आयतन)/(मोल× ताप )
38. आवेश Charge विद्युत धारा × समय
39. विभवातंर Potential difference कार्य/आवेश
40. प्रतिरोध Resistance विभवांतर/विद्युत धारा
41. धारिता Capacity आवेश/विभवांतर
42. विद्युत क्षेत्र Electric field वैद्युत बल/आवेश
43. चुम्बकीय क्षेत्र Magnetic field बल/(विद्युत धारा× लंबाई)
44. चुम्बकीय फ्लक्स Magnetic flux चुम्बकीय क्षेत्र × लंबाई
45. प्रेरकत्व Inductance चुम्बकीय फ्लक्स/विद्युत धारा
46. वीन नियतांक Wein’s constant तरंगदैर्ध्य ×ताप
47. चालकता Conductivity 1/प्रतिरोध
48. एंट्रॅापी Entropy ऊष्मीय ऊर्जा / ताप
49. गुप्त उष्मा Latent heat उष्मीय ऊर्जा / द्रव्यमान
50. तापीय प्रसार गुणांक Coefficient of thermal expansion विमा में परिवर्तन / (मूल विमा × ताप )
nbsp51. आयतन प्रत्यास्थता गुणांक Bulk modulus ( आयतन × दाब में परिवर्तन )/आयतन में परिवर्तन
52. वैद्युत प्रतिरोधकता Electric resistance ( प्रतिरोध × क्षेत्रफल )/ लंबाई
53. वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण Electric dipole moment बल आघूर्ण / विद्युत क्षेत्र
54. चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण Magnetic dipole moment बल आघूर्ण / चुम्बकीय क्षेत्र
55. चुम्बकीय क्षेत्र प्रबलता चुम्बकीय आघूर्ण / आयतन
56. अपवर्तनांक Refractive index निर्वात में प्रकाश की चाल/माध्यम में प्रकाश की चाल
57. तरंग संख्या Wave number 2π / तरंगदैर्ध्य
58. विकिरण शक्ति Radiant power उत्सर्जित ऊर्जा / समय
59. विकिरण तीव्रता Radiant intensity विकिरण शक्ति / घन कोण
60. हबल नियतांक Hubble constant पश्च सरण चाल /दूरी
जीव विज्ञान के प्रश्न-
1.: - मांसपेशियों में किस अम्ल के एकत्रित होने से थकावट आती है? Ans : - लैक्टिक अम्ल 2.: - अंगूर में कौन-सा अम्ल पाया जाता है? Ans : - टार्टरिक अम्ल 3.: - कैंसर सम्बन्धी रोगों का अध्ययन कहलाता है Ans : - -ऑरगेनोलॉजी 4.: - मानव शरीर में सबसे लम्बी कोशिका कौन-सी होती है? Ans : - तंत्रिका कोशिका 5.: - दाँत मुख्य रूप से किस पदार्थ के बने होते हैं? Ans : - डेंटाइन के 6.: - किस जंतु की आकृति पैर की चप्पल के समान होती है? Ans : - पैरामीशियम 7.: - केंचुए की कितनी आँखें होती हैं? Ans : - एक भी नहीं 8.: - गाजर किस विटामिन का समृद्ध स्रोत है? Ans : - विटामिन A 9.: - निम्न में से किस पदार्थ में प्रोटीन नहीं पाया जाता है? Ans : - चावल 10.: - मानव का मस्तिष्क लगभग कितने ग्राम का होता है? Ans : - 1350 11.: - रक्त में पायी जाने वाली धातु है Ans : - -लोहा 12.: - किण्वन का उदाहरण है Ans : - -दूध का खट्टा होना,खाने की ब्रेड का बनना,गीले आटे का खट्टा होना 13.: - निम्न में से कौन-सा आहार मानव शरीर में नये ऊतकों की वृद्धि के लिए पोषक तत्व प्रदान करता है? Ans : - पनीर 14.: - निम्न में से कौन एक उड़ने वाली छिपकली है? Ans : - ड्रेको 15.: - घोंसला बनाने वाला एकमात्र साँप कौन-सा है? Ans : - किंग कोबरा 16.: - भारत में पायी जाने वाली सबसे बड़ी मछली कौन-सी है? Ans : - ह्वेल शार्क 17.: - दालें किसका एक अच्छा स्रोत होती हैं? Ans : - प्रोटीन 18.: - देशी घी में से सुगन्ध क्यों आती है? Ans : - डाइएसिटिल के कारण 19.: - इन्द्रधनुष में किस रंग का विक्षेपण अधिक होता है? Ans : - लाल रंग 20.: - टेलीविजन का आविष्कार किसने किया था? Ans : - जे. एल. बेयर्ड 21: - हीरा चमकदार क्यों दिखाई देता है? Ans : - सामूहिक आंतरिक परावर्तन के कारण 22.: - ‘गोबर गैस’ में मुख्य रूप से क्या पाया जाता है। Ans : - मिथेन 23.: - दूध की शुद्धता का मापन किस यन्त्र से किया जाता है? Ans : - लैक्टोमीटर 24.: - पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला धातु तत्त्व कौन-सा है? Ans : - ऐलुमिनियम 25.: - मोती मुख्य रूप से किस पदार्थ का बना होता है? Ans : - कैल्सियम कार्बोनेट 26.: - मानव शरीर में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा तत्व पाया जाता है? Ans : - ऑक्सीजन 27.: - किस प्रकार के ऊतक शरीर के सुरक्षा कवच का कार्य करते हैं? Ans : - एपिथीलियम ऊतक 28.: - मनुष्य ने सर्वप्रथम किस जन्तु को अपना पालतू बनाया? Ans : - कुत्ता 29.: - किस वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम बर्फ़ के दो टुकड़ों को आपस में घिसकर पिघला दिया? Ans : - डेवी 30.: - सबसे अधिक तीव्रता की ध्वनि कौन उत्पन्न करता है? Ans : - बाघ 31.: - जब ध्वनि तरंग चलती हैं, तो वे अपने साथ ले जाती हैं Ans : - -ऊर्जा 32.: - सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का कौन-सा भाग दिखाई देता है? Ans : - किरीट 33.: - सूर्य की किरण में कितने रंग होते हैं? Ans : - 7 34.: - ‘टाइपराइटर’ (टंकण मशीन) के आविष्कारक कौन हैं? Ans : - शोल्स 35.: - सिरका को लैटिन भाषा में क्या कहा जाता है। Ans : - ऐसीटम 36.: - कपड़ों से जंग के धब्बे हटाने के लिये प्रयोग किया जाता है Ans : - -ऑक्ज़ैलिक अम्ल 37.: - गन्ने में ‘लाल सड़न रोग’ किसके कारण उत्पन्न होता है? Ans : - कवकों द्वारा 38.: - आम का वानस्पतिक नाम क्या है? Ans : - मेंगीफ़ेरा इण्डिका 39.: - कॉफी पाउडर के साथ मिलाया जाने वाला ‘चिकोरी चूर्ण’ प्राप्त होता है Ans : - -जड़ों से 40.: - ‘विटामिन-सी’ का सबसे अच्छा स्त्रोत क्या है? Ans : - आंवला ☄भारतीय संविधान - प्रश्नोत्तर☄
प्रश्न 1- भारतीय संविधान सभा की प्रथम बैठक कब हुई । उत्तर - 9 दिसम्बर 1946 । प्रश्न 2- संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष कौन था । उत्तर - डॉ. राजेंन्द्र प्रसाद । प्रश्न 3- संविधान सभा का अस्थाई अध्यक्ष कौन था । उत्तर - डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा । प्रश्न 4- संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे । उत्तर - डॉ. भीमराव अम्बेडकर । प्रश्न 5- संविधान सभा का औपचारिक रूप से प्रतिपादन किसने किया । उत्तर - एम. एन. राय । प्रश्न 6- भारत में संविधान सभा गठित करने का आधार क्या था । उत्तर - कैबिनेट मिशन योजना (1946) । प्रश्न 7- संविधान के गठन की मांग सर्वप्रथम 1895 में किस व्यक्ति ने की । उत्तर - बाल गंगाधर तिलक । प्रश्न 8- संविधान सभा में देशी रियासतों के कितने प्रतिनिधि थे । उत्तर - 70 । प्रश्न 9- संविधान सभा में किस देशी रियासत के प्रतिनिधि ने भाग नही लिया । उत्तर - हैदराबाद । प्रश्न 10- बी. आर. अम्बेडकर कहॉं के संविधान सभा में निर्वाचित हुए । उत्तर - बंगाल से । प्रश्न 11- संविधान सभा का संवैधानिक सलाहकार किसे नियुक्त किया गया था । उत्तर - बी. एन. राव । प्रश्न 12- संविधान सभा की प्रारूप समिति का गठन कब हुआ । उत्तर - 29 अगस्त 1947 । प्रश्न 13- संविधान की प्रारूप समिति के समक्ष प्रस्तावना का प्रस्ताव किसने रखा । उत्तर - जवाहर लाल नेहरू । प्रश्न 14- संविधान सभा की रचना हेतु संविधान का विचार सर्वप्रथम किसने प्रस्तुत किया । उत्तर - स्वराज पार्टी ने 1924 में । प्रश्न 15- संविधान सभा में भारत के संविधान को कब स्वीकृत किया । उत्तर - 26 नवम्बर 1946 । प्रश्न 16- संविधान को बनाने में कितना समय लगा । उत्तर - 2 वर्ष 11 माह 18 दिन । प्रश्न 17- संविधान में कितने अनुच्छेद है। उत्तर - 444 । प्रश्न 18- संविधान में कितने अध्याय है। उत्तर - 22 । प्रश्न 19- भारतीय सभा में कितनी अनुसूचियॉ है। उत्तर - 12 । प्रश्न 20- संविधान सभा का चुनाव किस आधार पर हुआ । उत्तर - वर्गीय मताधिकार पर ।*महत्वपूर्ण फॉर्मूले एवं जानकारियां*
लहसुन में मौजूद पौष्टिक तत्व – Garlic Nutritional Value in Hindi लहसुन में कई महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व, जैसे – फ्लैवोनोइड्स, ओलिगोसाक्राइड, एलिन और एलिसिन मौजूद होते हैं। ये पौष्टिक तत्व अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी होते हैं। इसके अलावा लहसुन में प्रचूर मात्रा में सल्फ़र भी
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पाया जाता है।
1 अंडे में नौ अमीनो एसिड होते हैं, जो शरीर की जरूरतों को पूरा करते हैं। इसमें विटामिन ए, बी, बी12, विटामिन डी, और विटामिन ई भी भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा यह फॉलेट, सेलेनियम और कई खनिज लवणों का अच्छा स्त्रोत है।
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अंडे में मौजूद ओमेगा 3, विटामिन्स और फैटी एसिड दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसमें कोलीन पाया जाता है, जिसके प्रयोग से स्मरण शक्ति तो बढ़ती ही है, दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ जाती है और वह बेहतर काम करता है।
3 अगर मूड खराब हो, तो अंडा आपके लिए मददगार है। क्योंकि इसमें उपस्थित विटामिन बी-12 तनाव को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें कुछ ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो आपके मूड को बेहतर बनाते हैं और डिप्रेशन दूर करते हैं।
4 गर्भावस्था में भी अंडा एक सेहतमंद फूड है। यह गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। इसलिए डॉक्टर्स भी इस दौरान अंडा खाने की सलाह देते हैं।
5 एक शोध के अनुसार अंडे का सेवन करने से मोतियांबिंद का खतरा कम हो जाता है और आंखों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, रेटीना को मजबूती देने का काम करता हैं।
6 वजन को संतुलित रखने में अंडा बहुत मददगार होता है। इसे खाने के बाद देर तक पेट भरा रहता है, और शरीर को उर्जा मिलती रहती है, जिससे आपको भूख कम लगती है और आपकी डाइट कम हो जाती है। इससे आपका वजन नियंत्रित रहता है।
7 अंडा प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है, इसलिए यह बालों और नाखूनों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। यह बालों को मजबूत बनाने के साथ ही उसकी गुणवत्ता में बदलाव लाता है साथ ही इससे नाखून भी मजबूत होते हैं।
8 त्वचा में कसाव लाने के साथ ही चेहरे की रौनक बढ़ाने में अंडा आपकी मदद कर सकता है। अंडे की जर्दी को फेसपैक या मास्क की तरह उपयोग कर आप त्वचा की झुर्रियों को कम कर सकते हैं।
9 अंडे का प्रयोग एनर्जी बूस्टर के रूप में भी किया जाता है। सुबह के नाश्ते में अंडे का प्रयोग आपको दिनभर उर्जा देता है। इसका अंदरूनी पीला भाग सेहत से भरपूर और उर्जा देने वाला होता है
10 महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए प्रतिदिन अंडे का प्रयोग काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह आपकी कार्यक्षमता में इजाफा भी करता है।
अंडा एक सुपर फूड है. इसे खाने से आपको प्रोटीन, कैल्शियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड मिलता है. जहां प्रोटीन हमारे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है वहीं कैल्शियम से दांतों और हड्डियों को मजबूती मिलती है. खास बात यह है कि अंडे में
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मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर में अच्छे कॉलेस्ट्रोल यानी कि एचडीएल बनाता है. । अंडा खाने के ये हैं 5 गजब के फायदे लाइफस्टाइल NDTVKhabar News Desk अंडा है ही इतना कमाल का कि सभी को इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. अंडा एक सुपर फूड है. इसे खाने से आपको प्रोटीन, कैल्शियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड मिलता है. । खास बातें अंडे खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और मोतियाबिंद का खतरा नहीं रहता अंडा बच्चों को जरूर देना चाहिए, यह उनके विकास में सहायक है अंडे को किसी भी मौसम में कभी भी खाया जा सकता है नई दिल्ली : आपने ये तो सुना ही होगा कि 'संडे हो या मंडे, सर्दी हो या गर्मी रोज खाओ अंडे'. जी हां, अंडा है ही इतना कमाल का कि सभी को इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. अंडा एक सुपर फूड है. इसे खाने से आपको प्रोटीन, कैल्शियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड मिलता है. जहां प्रोटीन हमारे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है वहीं कैल्शियम से दांतों और हड्डियों को मजबूती मिलती है. खास बात यह है कि अंडे में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर में अच्छे कॉलेस्ट्रोल यानी कि एचडीएल बनाता है. आपको बता दें कि खाने-पीने की बहुत कम चीजें ऐसी हैं जिनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड पाए जाते हैं और अंडा उनमें से एक है. । 1. वजन घटाने और बढ़ाने में मददगार अंडा आपके वजन को कंट्रोल करने में काफी मददगार है. दरअसल, अंडा खाने के बाद भूख शांत हो जाती है. इसे खाने के बाद देर तक आपका पेट भरा रहता है और आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं. अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो अंडे का सिर्फ सफेद भाग ही खाएं क्योंकि पीले वाले हिस्से में कॉलेस्ट्रोल काफी ज्यादा होता है. जो लोग जिम जाते हैं उनकी डाइट में अंडे को विशेष तौर पर शामिल किया जाता है. लेकिन उन्हें सिर्फ सफेद भाग खाने की सलाह दी जाती है. वहीं, जिन लोगों को वजन बढ़ाना है उन्हें अंडे का पीला वाला हिस्सा खासतौर पर खाना चाहिए. जिन बच्चों का वजन कम होता है उन्हें रोजाना एक अंडा खाने की सलाह दी जाती है.
2. बढ़ाए आंखों की रोशनी
अंडे में भरपूर मात्रा में कैरोटिनायड्स पाया जाता है जो आंखों के सेहत के लिए बेहद जरूरी है. कैरोटिनायड्स आंखों की मांसपेशियों को मजबूती देता है. रोजाना एक अंडा खाने से मोतियाबिंद का खतरा नहीं रहता. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, रेटीना को मजबूती देने का काम करते हैं.
3. बढ़ाए याद्दाश्त, भगाए टेंशन अंडे में मौजूद ओमेगा 3, विटामिन और फैटी एसिड दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद हैं. यही नहीं अंडे में कोलीन पाया जाता है, जिससे याद्दाश्त तेज होती है और दिमाग एक्टिव रहता है. इसके अलावा अंडे में मौजूद विटामिन B-12 टेंशन को दूर करने में मदद करता है. इसमें कुछ ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो डिप्रेशन दूर कर मूड अच्छा बनाते हैं.
आंवले के 10 ऐसे फायदे जिन्हें जानना आपके लिए है बेहद जरूरी
4. बालों और त्वचा के लिए गुणकारी अंडे के पीले भाग में बायोटिन होता है जो बालों को मजबूती और त्वचा को कसाव देता है. अंडे के पीले भाग को बालों में लगाने से बाल कोमल और मुलायम होते हैं. अंडे की जर्दी को फेसपैक या मास्क की तरह इस्तेमाल कर आप त्वचा की झुर्रियों को कम कर सकते हैं.
5. एनर्जी से भरपूर अंडा खाने से आपके शरीर को भरपूर एनर्जी मिलती है. नाश्ते में अंडा खाने से आप दिन भर ऊर्जावान बने रहेंगे. इसके अलावा यह आपकी कार्यक्षमता में इजाफा भी करता है.
विटामिन डी वसा-घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है। इसके दो प्रमुख रूप हैं: विटामिन डी२ (या अर्गोकेलसीफेरोल) एवं विटामिन डी३ (या कोलेकेलसीफेरोल)। सूर्य के प्रकाश, खाद्य एवं अन्य पूरकों से प्राप्त विटामिन डी निष्क्रीय होता है। इसे शरीर में सक्रिय होने के लिये कम
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से कम दो हाईड्रॉक्सिलेशन अभिक्रियाएं वांछित होती हैं। शरीर में मिलने वाला कैल्सीट्राईऑल (१,२५-डाईहाईड्रॉक्सीकॉलेकैल्सिफेरॉल) विटामिन डी का सक्रिय रूप होता है। त्वचा जब धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होती है। यह विटामिन मछलियों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए अत्यावश्यक होता है। इसके अभाव में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं व टूट भी सकती हैं। छोटे बच्चों में विटामिन डी की कमी से हड्डियां मुड़ जाती हैं, यह स्थिति रिकेट्स कहलाती है। वयस्कों में हड्डी के कमजोर होने को ओस्टीयोमलेशिया कहते हैं। इसके अलावा, विटामिन डी की कमी से वयस्कों की हड्डियों में कैल्शियम का घनत्व कम ही जाता है जिससे हड्डियों की भंगुरता बढ़ जाती है इस दशा को ओस्टीयोपोरोसिस कहते हैं। । इसके अलावा विटामिन डी कैंसर, क्षय रोग तथा हृदय के अनेक रोगों से भी बचाव करता है।
कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार विटामिन डी शरीर की टी-कोशिकाओं की क्रियाविधि में वृद्धि करता है, जो किसी भी बाहरी संक्रमण से शरीर की रक्षा करती हैं। इसकी मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मुख्य भूमिका होती है और इसकी पर्याप्त मात्रा के बिना प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-कोशिकाएं बाहरी संक्रमण पर प्रतिक्रिया देने में असमर्थ रहती हैं। टी-कोशिकाएं सक्रिय होने के लिए विटामिन डी पर निर्भर रहती हैं। जब भी किसी टी-कोशिका का किसी बाहरी संक्रमण से सामना होता है, यह विटामिन डी की उपलब्धता के लिए एक संकेत भेजती है। इसलिये टी-कोशिकाओं को सक्रिय होने के लिए भी विटामिन डी आवश्यक होता है। यदि इन कोशिकाओं को रक्त में पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिलता, तो वे चलना भी शुरू नहीं करतीं हैं।
अधिकता: विटामिन डी की अधिकता से शरीर के विभिन्न अंगों, जैसे गुर्दों में, हृदय में, रक्त रक्त वाहिकाओं में और अन्य स्थानों पर, एक प्रकार की पथरी उत्पन्न हो सकती है। ये विटामिन कैल्शियम का बना होता है, अतः इसके द्वारा पथरी भी बन सकती है। इससे रक्तचाप बढ सकता है, रक्त में कोलेस्टेरॉल बढ़ सकता है और हृदय पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही चक्कर आना, कमजोरी लगना और सिरदर्द, आदि भी हो सकता है। पेट खराब होने से दस्त भी हो सकता है।
स्रोत इसके मुख्य स्रोतों में अंडे का पीला भाग, मछली के तेल, विटामिन डी युक्त दूध और मक्खन होते हैं। इनके अलावा मुख्य स्रोत धूप सेंकना होता है। दूध और अनाज प्रायः विटामिन डी के भरपूर स्रोत होते हैं। वसा-पूर्ण मछली, जैसे साल्मन विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोतों में से एक हैं।
धूप सेंकने की नियमित क्रिया से विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर मे बनी रहती है।
विटामिन ई यौगिकों के एक समूह का द्योतक है जिसमें टोकोफेरॉल और टोकोट्रॉयनॉल दोनों निहित हैं। यह खून में रेड ब्लड सेल या लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों (जैसे कि मांस-पेशियां व
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अन्य कोशिकाएँ) को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है। यह शरीर को ऑक्सीजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ऑक्सीजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं। इस गुण के कारण विटामिन ई को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) कहा जाता है। विटामिन ई, सेल के अस्तित्व बनाये रखने के लिये आवश्यक उसके बाहरी कवच या सेल मेमब्रेन को बनाए रखता है। विटामिन ई, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है।
समय से पहले पैदा हुए या प्रीमेच्योर नवजात शिशु (Premature infants) में, विटामिन ई की कमी से खून की कमी हो जाती है। इससे उनमें रक्ताल्पता या एनेमिया (anemia) हो सकता है। बच्चों और व्यस्क लोगों में, विटामिन ई के अभाव से, दिमाग की नसों की न्युरोलोजीकल (neurological) समस्या हो सकती है। अत्यधिक विटामिन ई लेने से खून की सेलों पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे कि खून बहना या कोई अन्य बीमारी होना मुमकिन है। । विटामिन ई की कमी से मांशपेशियों की शक्ति क्षीण हो जाती है। । यह ताजे फलों, सब्जियों और अंकुरित बीजों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। । शारीरिक कमजोरी महसूर होने, थकान होने या शरीर मुरझाया सा होने की दशा में भोजन के रूप में विटामिन ई की पर्याप्त मात्रा ली जानी चाहिए।
विटामिन ए के स्रोत- देशी घी, अंडे, मछली, दूध, गाजर, पाइन एप्पल, अंगूर, मूली के पत्ते, मुनक्का, चुकंदर, चौलाई, बंदगोभी, हरा धनिया और पालक आदि विटामिन ए के अनेक अच्छे स्रोत हैं।
विटामिन ए आंखों से देखने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। साथ ही यह बीमारियों से बचने के काम भी आता है। यह पोषक शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि त्वचा, बाल, नाखून, ग्रन्थि, दांत,
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मसूडा और हड्डी। सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति जो कि सिर्फ पोषक ए के अभाव में होती है, वह है अंधेरे में कम दिखाई देना, जिसे रतौंधी भी कहते हैं। इसके साथ आंखों में आंसू की कमी से आंखें सूख जाती हैं और उसमें घाव भी हो सकता है। बच्चों में पोषक ए के अभाव में विकास की गति धीमि हो जाती है, जिससे कि उनके कद पर असर कर सकता है। त्वचा और बालों में भी सूखापन हो जाता है और उनकी चमक चली जाती है। इससे संक्रामक बीमारी होने की संभावना भी बढ जाती है।
विटामिन ए की अत्याधिक मात्रा लेने से शरीर पर अनेक दुर्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि सिरदर्द, देखने में दिक्कत, थकावट, दस्त, बाल गिरना, त्वचा खराब हो जाना, हड्डी और जोडों में दर्द, कलेजा को नुकसान पहुँचना और लडकियों में असमय मासिक धर्म आदि।
गर्भ के दौरान खास सावधानी – अत्याधिक पोषक ए, पेट में पलते बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है।
विटामिन ‘बी’ काम्पलेक्स की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग
हाथ पैरो की अंगुलियों मे सनसनाहट होना मस्तिष्क की स्नायु मे सूजन व दोष होना पैर ठंडे व गीले होना सिर के पिछले भाग मे स्नायु दोष हो जाना मांस पेशियो का कमजोर होना हाथ पैरो के जोड़ अकड़ना शरीर का वजन घट जाना नींद कम आना मूत्राशय मे दोष आना माहवारी की गड़बड़ी
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होना शरीर पर लाल चकती निकलना दिल कमजोर होना शरीर मे सूजन आना सिर चकराना नजर कमजोर हो जाना पाचन क्रिया कमजोर हो जाना
विटामिन B1:- इस विटामिन को थायमीन भी कहते है |इसका स्वाद नमकीन होता है| यह रंगहीन होता है| इस विटामिन की कमी से चक्कर आना, कब्ज की शिकायत, आँखों के आगे अँधेरा छा जाना, चिडचिडापन होना, एकाग्रता
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न होनाआदि लक्षण दिखाई देते है|
प्रमुख स्रोत:- गेहू, मटर, मूंगफली, संतरे, खमीर, हरी सब्जियां, अंडे, चावल और अंकुर वाले बीज में पाया जाता है| विटामिन b2:- इस विटामिन को Riboflavin भी कहते है| यह विटामिन पीले रंग का होता है| यह विटामिन सूरज की रौशनी में तथा खाने को अधिक पकाने में समाप्त हो जाता है| शरीर मे इस विटामिन की कमी से मुँह और होठ फटने लगते है। यह vitamin आंखो,नाक और जीभ को स्वस्थ रखने के लिया अति आवश्यक है।प्रमुख स्रोत:- यह विटामिन अंडे की ज़र्दी, मछ्ली,दालों,मास,मटर,चावल व खमीर मे पाया जाता है।3) विटामिन B3 – इस विटामिन को Pantothenic भी कहा कहा जाता है। यह विटामिन शरीर की वृद्धि मे सहायक होता है। यह विटामिन लोगो के सलेटी रंग के बाल होने से बचाता है। प्रमुख स्रोत:-यह विटामिन दूध मे सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसका अलावा यह अंडे की ज़र्दी,मेवा व अखरोट मे भी पाया जाता है।
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4) विटामिन B5 – इस विटामिन को Nicotinamide भी कहा जाता है। इस विटामिन की कमी से पैलेग्रा (Pellagra) रोग हो सकता है। यह विटामिन हमारे weight को control करने मे मदद करता है।
प्रमुख स्रोत:-यह विटामिन खमीर,दूध,मक्खन,पिस्ता और दाल मे पाया जाता है।
5) विटामिन B6 – यह विटामिन हीमोग्लोबिन के निर्माण मे मदद करता है। यह विटामिन त्वचा को भी स्वस्थ रखता है।
प्रमुख स्रोत:-यह विटामिन मांस,मछ्ली,खमीर,अंडे की ज़र्दी,चावल,गेहूँ व मटर मे पाया जाता है।
6) विटामिन B7 – इसका रसायनिक नाम Biotin है। इसकी कमी से depression, हो सकता है।
प्रमुख स्रोत:-बाजरा, ज्वार, मैदा, चावल, सोयाबीन, गेहूं,
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7) विटामिन B9 – यह विटामिन पीले रंग का स्वादहीन और रंगहीन होता है। भोजन को पकाते वक्त इस vitamin की ज़्यादातर मात्रा समाप्त हो जाती है। यह विटामिन खून के निर्माण मे मदद करता है।
प्रमुख स्रोत:- अंकुरित अनाज, दलिया, मटर और मूंगफली
8) विटामिन B12 – यह विटामिन लाल रंग का होता है। खाने को ज्यादा पकाते वक्त यह विटामिन नष्ट हो जाता है। इस विटामिन की कमी से अनीमिया रोग हो सकता है। साथ ही इस विटामिन की कमी से नसों मे blockage, बहुत ज्यादा थकान और सर्दी,depression, तनाव और memory भी कमजोर हो सकती है।
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के स्रोतों में टमाटर, गेहूं की भूसी, अण्डे की जर्दी, बादाम, अखरोट, बिना पालिश किया चावल, पौधो के बीज, नारंगी, अंगूर, दूध, ताजे सेम, ताजे मटर, दाल, जिगर, ताजी हरी वनस्पति व साग सब्जी, आलू, मेवा, खमीर, मक्की, चना, नारियल, पिस्ता,
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ताजे फल, कमरकल्ला, दही, पालक, बन्दगोभी, मछली, अण्डे की सफेदी, माल्टा, चावल की भूसी, फलदार सब्जी आदि आते हैं।
विटामिन बी काम्पलेक्स शरीर को जीवन शक्ति देने के लिए अति आवश्यक होता है। इस विटामिन की कमी से शरीर अनेक रोगो से ग्रसित हो जाता है। अब तक विटामिन बी के अनेक प्रकारों की खोज की जा चुकी है। ये सभी प्रकार मिलकर ही
...विटामिन ‘बी’ काम्पलेक्स कहलाते है। विटामिन ‘बी’ काम्पलेक्स 120 सेंटीग्रेड तक की गर्मी सहन करने की क्षमता रखता है। उससे अधिक ताप यह सहन नही कर पाता और नष्ट हो जाता है। विटामिन बी की रक्षा के लिए भोजन प्रेशर कुकर में नहीं पकाना चाहिए। विटामिन ब पानी मे घुलनशील है। इसके प्रमुख कार्य स्नायु को स्वस्थ रखना तथा भोजन के पाचन मे सक्रिय योगदान देना होता है। भूख को बढ़ाकर यह शरीर को जीवन शक्ति देता है। खाया-पिया अंग लगाने मे सहायता प्रदान करता है। क्षारीय पदार्थो के संयोग से यह यह सामान्य ताप पर भी नष्ट हो जाता है। अम्लीय पदार्थों के साथ यह उबाले जाने पर भी नष्ट नही होता।
हर रोज अंडे का सेवन बना सकता है आपको तंदुरुस्त। प्रोटीन, विटामिन और अन्य पोषक तत्वों जैसे कॉपर, पोटेशिम और कैल्शियम आदि की प्रचुर मात्रा से भरपूर अंडा आपकी सेहत को तो सुधारने में मदद करता ही हैं साथ ही यह मानसिक स्वास्थ्य को भी
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बेहतर रखता है। कुछ बेहतरीन सूपरफूड्स में से एक अंडा अनेक पोषक तत्वों से भरपूर आहार है। अंडा खाने से आपका स्वास्थ्य बेहतर, मस्तिष्क तेज तथा शरीर फिट और मजबूत बनता है। हर रोज नाश्ते में अंडा खाने से वजन घटाने में भी मदद मिलती है क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। अंडे को एक संतुलित आहार के रूप में जाना जाता है। आइए आपको बताते हैं कि इसे सूपरफूड क्यों माना जाता है और इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं। अंडे में पाएं जाने वाले पोषक तत्व- अंडे को बेहतरीन सूपरफूड्स में से एक इसलिए जाना जाता है क्योंकि इसमें अत्यधिक पोषक तत्व जैसे विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन पाएं जाते हैं।
अंडे से होने वाले स्वास्थ्य लाभ: अंडे का हर रोज उचित मात्रा में सेवन करके आप निम्न स्वास्थ्य लाभ पा सकते हैं। आयरन की कमी के कारण कई लोग थकान, सिरदर्द और चिड़चिड़ापन आदि लक्षणों का अनुभव करते हैं। इसकी कमी से एनीमिया बीमारी भी हो सकती है। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर तरीके से कार्य करने के लिए आयरन बेहद जरुरी है। अंडे के पीले भाग में आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से आयरन की कमी की समस्या को कम किया जा सकता है। अंडा बैड कोलेस्ट्रोल को नहीं बढ़ाता है: अधिकतर लोगों को ये गलत धारणा है कि अंडे के सेवन से आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल बढ़ जाता है क्योंकि इसमें 210 मिग्रा कोलेस्ट्रोल कन्टेंट पाया जाता है। हालांकि ये धारणा गलत है। अंडे का सेवन करने से आपके शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर नहीं बढ़ता है बल्कि यह गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है। अंडे के सेवन से वजन कम होता है: अध्ययनों में यह पता लगाया गया है कि अगर आप दिन की शुरुआत अंडे के साथ करते हैं तो आप दिनभर उर्जावान रहते हैं। नाश्ते में अंडे का सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती हैं। अंडे में प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है जिससे यह आपको भूख कम लगने देता है और आप कम खाते हैं और आपका वजन नियंत्रित रहता है। अंडा हड्डियों को मजबूत बनाता है: अंडे में विटामिन डी की अच्छी मात्रा होती है। विटामिन डी का प्रचुर मात्रा में सेवन करने से आपका शरीर कैल्शियम का अवशोषण अच्छे से कर पाता है। जिसके चलते आपकी हड्डियां स्वस्थ रहती हैं और मजबूत होती हैं। साथ ही नई बोन सेल्स के निर्माण में मदद मिलती है। अंडा और दिमागी विकास: अंडे में कोलिन मौजूद होता है। कोलिन एक पोषक तत्व है जो ब्रेन सेल्स के निर्माण में मदद करता है। इसके सेवन से आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। गर्भवती महिला अगर अंडे का सेवन करती हैं तो बच्चे का दिमागी विकास अच्छे से हो पाता है।
चने मे मैंगनीज की प्रचुर मात्रा होती है। इसके अलावा इसमें पोषक तत्व जैसे थियामिन, मैग्नीशियन और फॉस्फोरस भी पाएं जाते हैं। मैंगनीज के सेवन से आपके शरीर को उर्जा के उत्पादन में मदद मिलती है साथ ही इससे इम्यूनिटी को भी बढ़ाया जा सकता
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है।
आप ये तो जानते ही होंगे कि बहुत से लोग सुबह उठकर खाली पेट भिगोया हुआ देशी चना खाते हैं। खासतौर पर वो लोग जो जिम करते हैं या सुबह व्यायाम करते हैं। क्या आप जानते हैं कि लोग इस साधारण से दिखने वाले आहार के साथ अपने दिन की शुरुआत क्यों करते हैं क्योंकि इसमें समाएं है अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुण। वसा की मात्रा कम, फाइबर की उच्च मात्रा, विटामिन और खनिजों से भरपूर होने के कारण, काला चना वास्तव में आपके आहार में शामिल करने के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। चने का सेवन करने से आपको बादाम या अन्य ड्राई फ्रूट से अधिक लाभ होते हैं। रोज सुबह भीगे हुए चने खाने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार है। [ये भी पढ़ें: सर्दी-जुकाम से छुटकारा पाना है तो करें इन सुपरफूड्स का सेवन]
उर्जा और इम्यूनिटी को बढ़ाता है: काले चने मे मैंगनीज की प्रचुर मात्रा होती है। इसके अलावा इसमें पोषक तत्व जैसे थियामिन, मैग्नीशियन और फॉस्फोरस भी पाएं जाते हैं। मैंगनीज के सेवन से आपके शरीर को उर्जा के उत्पादन में मदद मिलती है साथ ही इससे इम्यूनिटी को भी बढ़ाया जा सकता है। इसका सेवन आपको व्यायाम करते वक्त अधिक पसीना निकालने में मदद करता है।
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है: चने में आयरन की प्रचुर मात्रा होती है जो कि आपको एनीमिया जैसी समस्या से बचाता है साथ ही इसेक सेवन से आपका मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है। मेटाबॉलिज्म उर्जा के स्तर को बनाएं रखने के महत्वपूर्ण होता है।
अलसी के औषधीय गुण तथा विभिन्न बीमारियों में उपयोग व फायदे-(अधिकांशतः सुनी हुई बातें हैं)-
अनेक जटिल समस्याओं के लिए अचूक औषधि है अलसी। अलसी का मराठी नाम जवस है। इसे उत्तर भारत में तीसी के नाम से भी जाना जाता है। अलसी असरकारी ऊर्जा, स्फूर्ति
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व जीवटता प्रदान करता है। अलसी, तीसी, अतसी, कॉमन फ्लेक्स और वानस्पतिक लिनभयूसिटेटिसिमनम नाम से विख्यात तिलहन अलसी के पौधे बागों और खेतों में खरपतवार के रूप में तो उगते ही हैं, इसकी खेती भी की जाती है। इसका पौधा दो से चार फुट तक ऊंचा, जड़ चार से आठ इंच तक लंबी, पत्ते एक से तीन इंच लंबे, फूल नीले रंग के गोल, आधा से एक इंच व्यास के होते हैं। इसके बीज और बीजों का तेल औषधि के रूप में उपयोगी है। अलसी रस में मधुर, पाक में कटु, पित्तनाशक, वीर्यवर्धक, वात एवं कफ नाशक व खांसी मिटाने वाली है। इसके बीज चिकनाई व मृदुता उत्पादक, बलवर्घक, शूल शामक और मूत्रल हैं। इसका तेल विरेचक (दस्तावर) और व्रण पूरक होता है।
अलसी की पुल्टिस का प्रयोग गले एवं छाती के दर्द, सूजन तथा निमोनिया और पसलियों के दर्द में लगाकर किया जाता है। इसके साथ यह चोट, मोच, जोड़ों की सूजन, शरीर में कहीं गांठ या फोड़ा उठने पर लगाने से शीघ्र लाभ पहुंचाती है। एंटी फ्लोजेस्टिन नामक इसका प्लास्टर डॉक्टर भी उपयोग में लेते हैं। चरक संहिता में इसे जीवाणु नाशक माना गया है। यह श्वास नलियों और फेफड़ों में जमे कफ को निकाल कर दमा और खांसी में राहत देती है।
इसकी बड़ी मात्रा विरेचक तथा छोटी मात्रा गुर्दो को उत्तेजना प्रदान कर मूत्र निष्कासक है। यह पथरी, मूत्र शर्करा और कष्ट से मूत्र आने पर गुणकारी है। अलसी के तेल का धुआं सूंघने से नाक में जमा कफ निकल आता है और पुराने जुकाम में लाभ होता है। यह धुआं हिस्टीरिया रोग में भी गुणकारी है। अलसी के काढ़े से एनिमा देकर मलाशय की शुद्धि की जाती है। उदर रोगों में इसका तेल पिलाया जाता हैं।
तनाव के क्षणों में शांत व स्थिर बनाए रखने में सहायक है। कैंसर रोधी है तथा हार्मोन्स की सक्रियता बढ़ाता है। अलसी इस धरती का सबसे शक्तिशाली पौधा है। कुछ शोध से ये बात सामने आई कि इससे दिल की बीमारी, कैंसर, स्ट्रोक और मधुमेह का खतरा कम हो जाता है। इस छोटे से बीज से होने वाले फायदों की फेहरिस्त काफी लंबी है, जिसका इस्तेमाल सदियों से लोग करते आए हैं। इसके रेशे पाचन को सुगम बनाते हैं, इस कारण वजन नियंत्रण करने में अलसी सहायक है। रक्त में शर्करा तथा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। जोड़ों का कड़ापन कम करता है। प्राकृतिक रेचक गुण होने से पेट साफ रखता है। हृदय संबंधी रोगों के खतरे को कम करता है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है। त्वचा को स्वस्थ रखता है एवं सूखापन दूर कर एग्जिमा आदि से बचाता है। बालों व नाखून की वृद्धि कर उन्हें स्वस्थ व चमकदार बनाता है। इसका नियमित सेवन रजोनिवृत्ति संबंधी परेशानियों से राहत प्रदान करता है। मासिक धर्म के दौरान ऐंठन को कम कर गर्भाशय को स्वस्थ रखता है। अलसी का सेवन त्वचा पर बढ़ती उम्र के असर को कम करता है। अलसी का सेवन भोजन के पहले या भोजन के साथ करने से पेट भरने का एहसास होकर भूख कम लगती है। प्राकृतिक रेचक गुण होने से पेट साफ रख कब्ज से मुक्ति दिलाता है। अलसी कैसे काम करती है अलसी के चमत्कार को दुनिया ने माना है, आधुनिक युग में स्त्रियों की यौन-इच्छा, कामोत्तेजना, चरम-आनंद विकार, बांझपन, गर्भपात, दुग्धअल्पता की महान औषधि है। स्त्रियों की सभी लैंगिक समस्याओं के सारे उपचारों हेतु सर्वश्रेष्ठ और सुरक्षित है अलसी।
सबसे पहले तो अलसी आप और आपके जीवनसाथी की त्वचा को आकर्षक, कोमल, नम, बेदाग व गोरा बनायेगी। आपके केश काले, घने, मजबूत, चमकदार और रेशमी हो जायेंगे। अलसी आपकी देह को ऊर्जावान और मांसल बना देगी। शरीर में चुस्ती-फुर्ती बनी रहेगी, न क्रोध आयेगा और न कभी थकावट होगी। मन शांत, सकारात्मक और दिव्य हो जायेगा। अलसी में ओमेगा-3 फैट, आर्जिनीन, लिगनेन, सेलेनियम, जिंक और मेगनीशियम होते हैं जो स्त्री हार्मोन्स, टेस्टोस्टिरोन और फेरोमोन्स (आकर्षण के हार्मोन) के निर्माण के मूलभूत घटक हैं। टेस्टोस्टिरोन आपकी कामेच्छा को चरम स्तर पर रखता है।
अलसी में विद्यमान ओमेगा-3 फैट और लिगनेन जननेन्द्रियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं, जिससे कामोत्तेजना बढ़ती है। इसके अलावा ये शिथिल पड़ी क्षतिग्रस्त नाड़ियों का कायाकल्प करती हैं जिससे मस्तिष्क और जननेन्द्रियों के बीच सूचनाओं एवं संवेदनाओं का प्रवाह दुरुस्त हो जाता है। नाड़ियों को स्वस्थ रखने में अलसी में विद्यमान लेसीथिन, विटामिन बी ग्रुप, बीटा केरोटीन, फोलेट, कॉपर आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अलसी से, देह के सारे चक्र खुल जाते हैं। अलसी के बीज के चमत्कारों का हाल ही में खुलासा हुआ है कि इनमें 27 प्रकार के कैंसररोधी तत्व खोजे जा चुके हैं। अलसी में पाए जाने वाले ये तत्व कैंसररोधी हार्मोन्स को प्रभावी बनाते हैं, विशेषकर पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर व महिलाओं में स्तन कैंसर की रोकथाम में अलसी का सेवन कारगर है। दूसरा महत्वपूर्ण खुलासा यह है कि अलसी के बीज सेवन से महिलाओं में सेक्स रोगों यथा गोनोरिया, नेफ्राइटिस, अस्थमा, सिस्टाइटिस, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, कब्ज, बवासीर, एक्जिमा आदि के उपचार में भी उपयोगी है।