1. गर्मी के कारण होनेवाले रोगों में पुदीना अत्यंत उपयोगी साबित होता है. थोड़े-से पुदीने को पानी में पीसकर उसमें भुना हुआ जीरा, नींबू तथा नमक मिलाकर पीने से पेचिश, पेट के मरोड़, खट्टी डकारें आदि में लाभ होता है. 2. यदि हिचकी बंद न
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हो रही हो तो 10-15 पुदीने के पत्ते चबाएं. 3. हाजमे के लिए ये एक अचूक उपाय है. इसके सेवन से पाचन क्रिया भी अच्छी रहती है. 4. अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो पुदीने की कुछ पत्तियां चबा लें. बदबू चली जाएगी. 5. गर्मी में लू से बचने के लिए भी पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है. पुदीने का रस पीकर घर से बाहर निकलने पर लू लगने का डर कम हो जाता है. 6. उल्टी हो रही होने पर आधा कप पुदीना का रस पीने से उल्टी आना बंद हो जाएगी. 7. पेट दर्द होने पर भी पुदीने को जीरा, काली मिर्च और हींग के साथ मिलाकर खाने से आराम होता है. 8. पुदीने की ताज़ा पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे को ठंडक मिलती है.गुण
१- दही मथें माखन मिले, अदरख संग मिलाय, होठों पर लेपित करें, रंग लाल ह्वै जाय.. २- बहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल, यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंघें डाल रुमाल.. ३- कच्चा लहसुन पीसिये , गाढ़ा लेप लगाय, चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय.. ४- अजवाइन
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को पीस लें , नीबू संग मिलाय, फोड़ा-फुंसी दूर हों, सभी बला टल जाय.. ५- अजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम, पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम.. ६- ठण्ड लगे जब आपको, सर्दी से बेहाल, नीबू, गुड़ के साथ में, अदरक पियें उबाल.. ७- अदरक का रस लीजिए. गुड़ लेवें समभाग, नियमित सेवन जो करें, सर्दी जाए भाग.. ८- रोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर, बेहतर लीवर आपका, टी.बी भी हो दूर.. ९- गाजर रस संग आँवला, बीस औ चालिस ग्राम, रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम.. १०- शकर, आंवला जूस औ अलसी दस-दस ग्राम, बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम..???? ११- चिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय, चौलाई पालक भली, यौवन स्थिर होय.. १२- लाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह, जूस करेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह.. १३- प्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह, जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह.. १४- सात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय, दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय.. १५- सात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार, दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार.. १६- तुलसीदल दस लीजिए, उठकर प्रातःकाल, सेहत सुधरे आपकी, तन-मन मालामाल.. १७- थोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग, अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग. १८- अजवाइन, लहसुन तथा हींगहि तेल पकाय, मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय.. १९- ऐलोवेरा-आँवला, करे खून में वृद्धि, उदर व्याधियाँ दूर हों, जीवन में हो सिद्धि.. २०- दस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ, दालचीनि का पाउडर, लें पानी के साथ.. २१- मुँह में बदबू हो अगर, दालचीनि मुख डाल, रहे सुगन्धित मुख सदा, गंध जाय पाताल। २२- कंचन काया को कभी, पित्त अगर दे कष्ट, एलोवेरा, आँवला, करे उसे भी नष्ट.. २३- बीस मिली रस आँवला, देशी घी गुड़ संग, सुबह शाम नित चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग.. २४- बीस मिली रस आँवला, हल्दी हो दो ग्राम, सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन दे आराम.. २५- नीबू बेसन जल शकर, मिश्रित लेप लगाय, चेहरा अति सुन्दर बने, बेहतर एक उपाय.. २६.- गुड़, अदरख जो खाय नित, सुख पावेगा सोय, कंठ सुरीला साथ में, वाणी मधुरिम होय. २७.- पीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज, नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो ओज.. २८- कब्ज अगर हो जाय तो नहीं बने कुछ काम, प्रात पियें जल गुनगुना, भरि लोटा आराम.. २९- कफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय, अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय.. ३०-अजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम, कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम.. ३१- छाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग, जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह भोग..। 32- हर्पीज़ या हरपीस एक प्रकार का त्वचा रोग है जैसे की दाद