अंडा बनाम दूध
1 मुर्गी अंडा अपने आप देती है, जबकि दूध हम निकालते हैं। अर्थात अंडा अधिक अहिंसामूलक है।
2. अंडे में मिलावट संभव नहीं, जबकि दूध में मिलावट की सीमा ही नहीं है। अर्थात अंडा अधिक मिलावटमुक्त/शुद्ध है।
3. अंडे को सुरक्षित रखने के लिए न तो गर्म
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करना पड़ता है, न ही फ्रिज में रखना पड़ता है, न ही कोई जहरीला केमिकल मिलाना पड़ता है। अर्थात अंडे का संरक्षण अधिक आसान और यह अधिक स्वास्थ्यानुकूल है।
4. मुर्गी को बहुत कम जगह चाहिए जबकि गाय को बहुत ज्यादा जगह। अर्थात मुर्गी पालना अधिक आसान है।
5. अंडे तीन दिन में भी एक बार निकाले जाएं तो कोई दिक्कत नहीं अर्थात उत्पादन नहीं घटेगा लेकिन दूध तो दोनों पहर निकालना पड़ता है नहीं तो उत्पादन घट जाता है।
6. मुर्गी वध निरोधक कानून अभी नहीं आया अर्थात मुर्गी हर उम्र में एक संसाधन है।
जबकि गोवध निरोधक कानून होने के कारण गाय एक सामाजिक समस्या का रूप ले चुकी है।
7. अंडे की तुलना दूध से नहीं बल्कि रबड़ी से करने लायक है क्योंकि दूध में पानी का प्रतिशत बहुत ज्यादा होता है।
8. कुछ चीजें सिर्फ दूध से बन सकती हैं और कुछ चीजें सिर्फ अंडे से इसलिए दोनों का अलग अलग महत्व है।
9. अंडे में पौष्टिकता भी अधिक है और 40 साल की उम्र के बाद के व्यक्ति के लिए दूध से कई गुना ज्यादा महत्वपूर्ण है, तथा कुछ मामलों में अपरिहार्य है।
10. मुर्गी पालन के लिए श्रम भी कम चाहिए।
11. मुर्गी के कारण देश में कोई दंगे फसाद भी नहीं होते ।
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उपरोक्त बातें निजी अनुभव और कुछ उच्चकोटि के चिकित्सकों के परामर्श के आधार पर लिखी गयी हैं।