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user image Arvind Swaroop Kushwaha - 22 Jun 2020 at 8:09 AM -

भारतीय व्यवस्था

बहुत जबरदस्त लिखा है लेखक का नाम है चित्रगुप्त। .....
साँप का काटा
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आदमी को मारने के लिए सरकारी वायदे, विपक्ष के ताने, कवियों की कविताएं और सरकारी कर्मचारियों की धूर्तताएँ कम थीं क्या जो अब साँप ने भी काट लिया? अरे भाई मरने का भी कोई ... कायदा कानून होता है? इतने चुस्त और दुरुस्त प्रशासन में सरकारी अनुमति के बगैर कोई ऐसे कैसे मर सकता है? टीवी पर बैठा एंकर अभी पैनल में शामिल अन्य कुछ बयान बहादुरों को गरम करने की कोशिश कर ही रहा था कि बिजली चली गई।
...और उधर कार का शीशा नीचे करते हुए सीएमओ साब ने धरने पर बैठे सुग्घरवा से पूछा- "काहे बैठे हो?"
"बेटे को सांप ने काट लिया है सरकार और उसका इलाज हो नहीं रहा..." सुग्घरवा ने उत्तर दिया।
"सांप ने तो पुत्तनवा के बेटे को भी काटा था और इलाज तो उसका भी नहीं हुआ था तब तुम धरना देने नहीं आये थे?" सीएमओ साहब इतना बोलकर आगे बढ़ गए तब तक इलाके की पुलिस चौकी के इंचार्ज की आमद हुई...
"का रे सुग्घरवा ...! काहे धरना दे रहा है, सुना है बेटे को सांप ने काट लिया?"
"हां सरकार..." इस बार जवाब सुग्घरवा की बीवी ने दिया था।
"तुम गांव वाले पूरे ही बुड़बक हो यही तो है। जब सांप काटने के लिए आ रहा था उसी समय तुमने उसके खिलाफ एफआईआर करवाना चाहिए था। फिर देखते वो स्साला सांप एक बार थाने पुलिस के चक्कर में आ जाता तब हम बताते कि ज्यादा जहर किसमें है।"
सुग्घरवा रोते बिलखते इंचार्ज साहब का मुंह देख ही रहा था कि नेता विपक्ष सफेद कुर्ता अपनी चमक बिखेरता हुआ उसकी आँखों में धंस गया। सांप वाले डॉक्टर इन्ही नेता जी के बहनोई थे। सुग्घरवा उनके ओर बढ़ने ही वाला था कि ब्यवस्थापकों द्वारा रोक दिया गया। "अरे रुको रुको अभी हमारा कैमरे वाला नहीं आया है। पहले उसे आने दो फिर मिलना भेटना सब होगा नेता जी की पूरी संवेदना आपके साथ है ।
"सरकार अपने बहनोई से कहकर अगर इलाज करा देते तो मेरा कुल दीपक बुझने से बच जाता...." सुग्घर ने हाथ जोड़ते हुए कहा
"अगले चुनाव में नेता जी को जिताइये फिर होगा ये सब अभी तो ये बस अपना सपोर्ट दिखाने आये हैं।" नेता जी के आगे खड़े मार्गदर्शक मंडल के प्रतिनिधि टाइप नेता ने कहा...
ये सब चल ही रहा था कि सरकार की आकाशवाणी गूंजने लगी.....
"सुग्घर .... ये सुग्घर...! शायद तुम्हें पता नहीं होगा कि हमारी सरकार ने ऐसी योजना बनाई है जिसमें तुम्हारे पूरे परिवार का मुफ्त में इलाज होगा। तुम्हे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमने एक मोबाइल एप्प भी बनाया है जिसे मोबाइल में डालकर रखो तो वो बताएगा कि सांप किस तरफ से आने वाला है और इसके अलावा हमने ऐसी व्यवस्था भी की है कि सांप अगर काटने के लिए आएगा तो हम तुरंत नेवला छोड़ देंगे। तुम्हें बस नेवला छोड़ने के लिए अपने पास वाले नेवला केंद्र में जाकर एक अर्जी ही लगानी होगी बस....."
"पर सरकार ये नेवला केंद्र है कहाँ?" वहीं पर मौजूद एक सफाई कर्मचारी जिसने आज तक झाड़ू का मुंह तक नहीं देखा पर तनख्वाह में एक दिन भी लेट मंजूर नहीं, ने पूछा-
आकाशवाणी ने थोड़ा सा खिसियाया हुआ सा मुंह बनाया (ऐसा अनुमान है, पर नेता खिसियाये ये जरूरी भी नहीं है) और बोली उसे बनाने पर अभी विचार चल रहा है।
आकाशवाणी भाइयों बहनों करती हुई बंद हुई तब तक सरकारी सपेरा कहीं से अपनी बीन पकड़े हुए प्रकट हुआ। जिसे बीन बजाना और सांप पकड़ना छोड़कर सारे काम आते थे। इसलिए उसनेे बीन इसके लिए अलग से खानदानी गरीब टाइप का एक सपेरा रख रखा था। जिसने आते ही बीन बजानी शुरू कर दी। अभी तक जितने भी लोग सुग्घर का धरना देखने के लिए जुटे थे वे सब अब उसका बीन बजाना देखने लगे। थोड़ी देर में ही सांप का भी आगमन हुआ जिसे देखकर सरकारी सपेरा डरके मारे बीन बजाने वाले के पीछे छुप गया।
"तुमने इस गरीब बालक को क्यों काटा...?"बीन बजाने वाले ने पूछा
"सरकार हम कोई आदमी नहीं हैं जो आदमी को काटें" सांप ने उत्तर दिया।
"तो फिर ....?"
"तो फिर क्या? ये बांस के झुरमुट में कुछ कर रहा था वहीं इसे कोई कांटा गड़ गया ठीक उसी समय मैं भी वहाँ से जा रहा था तो ये साँप साँप चिल्लाकर वहाँ से भाग खड़ा हुआ।
"मल्लब तुमने काटा ही नहीं..."
"न सरकार"
इतना सुनना था कि अब तक अचेत पड़ा सुग्घरवा का बेटा उठकर बैठ गया।
#चित्रगुप्त

user image Arvind Swaroop Kushwaha - 28 Apr 2020 at 6:06 PM -

कोशिका विज्ञान

मृत्यु एवं अमरता का विज्ञान
●Death Clock In Your DNA●
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पृथ्वी पर प्रतिदिन लगभग 151600 लोग अपना जीवन पूर्ण कर मृत्यु का ग्रास बन जाते हैं। इनमे से कई मौतों का कारण सड़क दुर्घटनाये अथवा लाइलाज बीमारिया होती है, जो कि स्वाभाविक है लेकिन आज मैं ... बात कर रहा हूँ "वृद्धावस्था के कारण हुई मौतों की"
आखिर हम बूढ़े क्यों होते है? क्या ऐसा कोई उपाय हो सकता है कि हम चिरयुवा बने रह सके?
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हमारा शरीर खरबो कोशिकाओ से बना हुआ है। ये कोशिकाए प्रतिपल मरती रहती है, नयी कोशिकाओ का जन्म होता रहता हैं।
प्रत्येक कोशिका में मौजूद डीएनए की संरचना के दोनों छोरो पे एक मृत नॉन कोडिंग डीएनए की कैप लगी होती है। जिस मृत डीएनए को हम टेलोमीयर (Telomere) कहते हैं। ये टेलोमीयर हमारे डीएनए की रक्षा कवच के रूप में कार्य करते हैं।
(Image In First Comment)
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जैसे ही कोई कोशिका... अपने जैसी नयी कोशिका को जन्म देती है तो इस प्रक्रिया में नयी कोशिका में मौजूद डीएनए में ये टेलोमीयर थोड़े छोटे हो जाते है। 50-60 बार ये प्रक्रिया दोहराने पर ये टेलोमीयर छोटे होते होते फाइनली खत्म हो जाते है।
जिस पल ऐसा होता है.. उस पल कोशिकाओ का जन्म रुक जाता है। पुरानी कोशिकाएं एक वक़्त के बाद शिथिल होकर गड़बड़ उत्पन्न करने लगती है।
परिणाम स्वरूप.. हम बूढ़े होने लगते है। शरीर की कार्य प्रणाली ध्वस्त होने लगती है और फाइनली एक दिन.. हम मर जाते है।
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कोई भी जीव कितने वक़्त तक जीवित रहेगा इसका सम्बन्ध कही ना कही टेलोमीयर की लंबाई अथवा कोशिकाओ के द्विगुणीत होने की क्षमता (Hayflick Limit) से होता है। कछुए जो 200 साल तक ज़िंदा रह सकते है, उनमे ये लिमिट 110 तो चूहे जिनका जीवन बेहद अल्प होता है , उनमे ये लिमिट 10-15 तक होती है।
मनुष्यो में कोशिकाओ के बनने की लिमिट 40-60 होती है जिस कारण किन्ही भी परिस्थितियों में मनुष्य जीवन 120 साल से ज्यादा होना असंभव प्रतीत होता है।
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तो प्रॉब्लम क्या है? जेनेटिक इंजीनियरिंग के प्रयोग से टेलोमीयर की लंबाई बढ़ा दीजिये और इंसान लंबे वक़्त तक चिरयुवा बना रहेगा? Right? Well Yes...
प्रयोगशालाओ में टेलोमीरेस नामक एंजाइम की सहायता से हम टेलोमीयर की क्षमता को कृतिम रूप से प्रभावित कर चुके है
तो मनुष्यो पर इसका प्रयोग क्यों नही करते?
वो इसलिए क्योंकि.. अगर हम एक कदम अमरता की ओर बढ़ाते है तो वही कदम हमें इस अमरता के एक भयावह पहलु के भी दर्शन कराता है। .
जैसा कि मैंने ऊपर कहा है कि हर पल आपके शरीर में मौजूद 20 लाख कोशिकाएं मरती है और अपने अंदर मौजूद डीएनए को कॉपी एंड ट्रांसफर करके नयी कोशिकाओ को जन्म देती हैं।
डीएनए कॉपी की इस प्रक्रिया में हमारी कोशिकाएं ऑन एवरेज 120000 गलतियां प्रति कोडिंग करती है। तब हमारा "Auto Correct Mode" पे चलने वाला शरीर उन त्रुटिपूर्ण कोशिकाओ को आत्महत्या का हुक्म सुना देता है। वे नयी कोशिकाएं जल्दी जल्दी द्विगुणीत होकर अपना टेलोमीयर खत्म करके मृत हो जाती है।
लेकिन...
कुछ ढीठ कोशिकाएं इन आत्महत्या के सिग्नल्स को नजरअंदाज करके... कोशिका के अंदर सुसुप्तावस्था में मौजूद "टेलोमीरेस" नामक एंजाइम को एक्टिवेट कर देती है... जिस कारण ये एंजाइम टेलोमीयर को स्टेबल कर देता है
नतीजन? ये त्रुटिपूर्ण कोशिकाएं अमर होके नयी डिफॉल्टर कोशिकाओ को जन्म देती रहती है और अन्ततः खराब कोशिकाओ का एक ऐसा समूह जन्म ले लेता है.. जिस समूह को हम एक बेहद फैंसी और भयावह नाम से पुकारते हैं।
"कैंसर"
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जी हाँ.. तो मेरे कहने का यहाँ निहितार्थ ये है कि अगर टेलोमीयर किसी प्रकार से स्टेबल कर दिए जाए तो परिणाम स्वरुप हर खराब कोशिका अनियंत्रित होकर वृद्धि को प्राप्त होने लगेगी और...
पृथ्वी पर मौजूद हर व्यक्ति पे कैंसर की तलवार लटकने लगेगी..
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यानी अमरता की कीमत शायद हमें "कैंसर" के खतरनाक रूप में चुकानी पड़े।
प्रकृति के खेल भी अजीब है.. उसके रहस्यों की हर कुंजी मानव प्रगति के एक नए आयाम का दर्शन कराती है तो वही कुंजी प्रकृति के चक्र से खिलवाड़ के संभावित खतरों से भी रूबरू कराती है।
शायद भविष्य में बेहतर वैज्ञानिक शोधो के साथ अमरता के रहस्यों को बेहतर ढंग से समझा जा सके।
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बहरहाल.. आपके शरीर में मौजूद टेलोमीयर कितने लंबे होंगे..इसका सम्बन्ध आपके माँ और पिता से होता है। टेलोमीयर की लंबाई आपके जन्म के समय निश्चित हो जाती है।
अर्थात जैसे ही आप इस सृष्टि में जीवन का प्रथम चरण आरम्भ करते है
उसी पल.. आपके शरीर में मौजूद "मृत्यु रुपी टेलोमीयर अलार्म क्लॉक" की उलटी गिनती भी शुरू हो जाती है।
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What I Mean Here To Say Is
The Very First Moment You Are Born...
At That Time Only...
You Are Also Programmed To Die !!!
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And As Always
Thanks For Reading !!!

user image Arvind Swaroop Kushwaha - 24 Apr 2020 at 7:55 PM -

गरीब पर कविता

*****"घर के अन्दर रहिये,सुरक्षित रहिये" *****

क्या अजीब दास्ता है?

हमारा उनसे नहीं कोई वास्ता है।

जो कई-कई दिनों से घर के लिए

पैदल चल रहे हैं

दुनियां की नजरों में खल रहे हैं।

पेट पीठ मिलकर है एक

चल रहा लकुटिया टेक।

बच्चे आँख के सामने भूखे

मर रहे हैं।

मगर मुंह बांधे ... हाथ जोड़े

डर रहे हैं।

हम तीन टाइम खाना

छौंक बघार रहे हैं

एक कुकर गैस पर चढ़ा

एक उतार रहे हैं।

सच कहूं या झूठ!

तुम कहीं न जाना रूठ,

अगर लॉकडाउन अब आगे बढ़ा

तो निश्चित ही डकैती तुम्हारी

रसोई में पड़ेगी

तुम्हारे कुकर में बनी दाल

चावल सब्जी रोटी उठेगी।

तुम्हारे चावल आटे दाल की

बोरी तुम्हारी ही साइकिल

स्कूटी पर लदेगी।

पैसा तुम्हारा नहीं लूटा जायेगा

इतना तो तुम पर तरस खायेगा।

हाँ,तुम मुंह तो वैसे भी बांधे हो

बोल नहीं पाओगे

तुम खुद ही दूर भागोगे

उसके करीब भी नहीं जाओगे।

जब कभी कोई सीमा बाहर

दर्द पिघलता है

आँख से आंसू छलकता है

तब तब महाभारत होता है।

चाल चलते रहो सकुनी

कभी प्यादों से भी राजा

मात खाता है।

कवयित्री - विजय कुमारी मौर्य"विजय" लखनऊ

user image Arvind Swaroop Kushwaha - 27 Oct 2018 at 7:42 AM -

डेंगू, व अन्य वायरल बीमारियों से मुकाबला

आजकल डेंगू और वाइरल बुखार बहुत भयानक रूप से फैला हुआ है। थोड़ा सा बुखार होते ही लोग घबरा जाते हैं । तरह तरह की अफवाहों के चलते लोग आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं। अफवाहों के चलते ही बकरी का दूध 2000 रूपये किलो तक ... बिक रहा है।
डॉ लोग बुरी तरह से लोगो को लूट रहे हैं !जबरदस्ती के मंहगे टेस्ट कराने को लोग मजबूर हो जाते हैं ।
प्लेटलेट्स के टेस्ट पर बिलकुल विश्वास ना करें ।
सामान्यतः हर बुखार में प्लेटलेट्स गिरती ही हैं !!!----------------
देश भर के बड़े बड़े चिकित्सको की सलाह के अनुसार निम्नलिखित बातें हर व्यक्ति को जानना चाहिए !!!
**1--बुखार होने पर लगातार पानी पीते रहे !!
अगर सादा पानी ना पीया जाए ,,तो नारियल पानी ,,शिकंजी ,,,शरबत आदि पीते रहे !!!!!!!,,,,
सबसे अधिक प्रयास बुखार उतारने का करें ,,,,,
पानी की पट्टियां बदलें !!!!

**2-- अगर डेंगू का टेस्ट पोसिटिव भी आया है तो घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है !!!
अगर लगातार पानी पीया जा रहा है और ,,रोगी दो तीन घंटे में पेशाब कर रहा है तो तनिक भी घबराने की आवश्यकता नहीं है !!!!
बिना दवा के भी ,,डेंगू और अन्य वाइरल बुखार एक से डेढ़ हफ्ते में ठीक हो जाता है अगर ,,,रोगी लगातार पानी पीता रहे !!!!!!!!!

**3-- डेंगू में आम तौर पर खतरनाक स्थिति तब नहीं बनती जब तक रोगी को बुखार रहता है ---
-असली ख़तरा बुखार उतरने के बाद बढ़ता है ,,जब रोगी लापरवाही से शारीरिक श्रम करने लगता है ---सावधानी रखें ,,,पूर्ण विश्राम करें ,,,पानी लगातार पीते रहे !!!!!
अगर बुखार के बाद रोगी उठने तक में असमर्थ अनुभव कर रहा है ,,,,जोड़ों में भयानक दर्द अनुभव कर रहा है ,,तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें !!!!!!

**4--अगर उच्च और निम्न रक्तचाप में 40 से अधिक का अंतर आये ,,लगातार पेट में दर्द बना रहे ,,,शरीर पर लाल चकत्ते बन रहे हो तब चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें !!!!!!
लेकिन उस अवस्था में भी अगर रोगी लगातार पानी पी रहा है और घंटे दो घंटे में पेशाब करने जा रहा है तो घबराने की तनिक भी आवश्यकता नहीं है !!!!

**5-- गिलोय की बेल लगभग 8 इंच का टुकडा ,,एक गिलास पानी में उबाले ,,,आधा रहने पर रोगी को पिलायें ,,,,अगर पीने में असुविधा हो रही हो तो उसे शरबत में मिला कर पिला दें ,,,लाभ अवश्य होगा !!!!!!

**6-- डेंगू की कोई वेक्सीन नहीं बनी है ,,,इसलिए किसी डॉ के पास धन और समय की बर्बादी ना करें !!!!,,,
,अगर बुखार उतारने के लिए कोई अंगरेजी दवा लेनी ही हो तो केवल "" पेरासीटामोल "" ही लें ,,,अन्य कोई भी दवा किसी भी हालत में ना लें !!!!!

*********सबसे महत्वपूर्ण बात **** डेंगू फैलने का सबसे अधिक अनुकूल समय है ,,सितम्बर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के अंत तक !!!!अतः कृपया इस विषय में समाज में जागरूकता अवश्य फैलाए !!!!!!

प्रिय बन्धुओं ! यदि किसी को डेगूँ या साधारण बुखार के कारण प्लेटलेट्स कम हो गयी है तो एक होमोपेथिक दवा है।
EUPATORIUM PERFOIAM 200
liquid dilution homeopathic medicine.
इसकी 3 या 4 बूँदें प्रत्येक 2-2 घँटें में साधारण पानी में ड़ाल कर मात्र 2 दिन पिलायें । प्लेटलेट्स कम नहीं होगीं। यदि आप पुण्यं कमाना चाहते हैं तो यह संदेश धर्म-प्रसाद मान कर सभी को प्रेषित करे